Sep 1, 2025

जयपुर के पास घूमने लायक अनोखे स्थान

राजस्थान की जीवंत राजधानी जयपुर अपने सिटी पैलेस, जल महल, नाहरगढ़ फोर्ट, जयगढ़ फोर्ट, आमेर पैलेस और अल्बर्ट हॉल म्यूज़ियम जैसे ऐतिहासिक स्मारकों के साथ-साथ शहर के आसपास के अनोखे और ऑफबीट डेस्टिनेशन के लिए भी मशहूर है। अगर आप जयपुर की यात्रा पर हैं, तो ये पास के कुछ ख़ास स्थान आपकी ट्रिप को यादगार बना देंगे।


1) बाँध बरेठा (Bandh Baretha)

बाँध बरेठा जयपुर के पास घूमने के लिए नया और अनूठा स्थल है। भरतपुर ज़िले के कई आकर्षणों में से एक, यह जयपुर से लगभग 187 किमी दूर स्थित है। कभी भरतपुर रियासत का प्रमुख नगर रहा बाँध बरेठा मुग़ल काल में श्रीपस्त और श्री प्रसस्त नामों से जाना जाता था। लगभग 549 हेक्टेयर भूमि पर बसा यह गाँव कुकंद (काकुंड) नदी के किनारे बसाया गया।

  • बाँध का निर्माण महाराजा राम सिंह ने 1887 में कराया, जिसकी नींव महाराजा जसवंत सिंह ने 1866 में रखी थी।
  • 2011 से पुल/बाँध से जल संचयन प्रारंभ हुआ और बाँध की फिल कैपेसिटी 29 फीट बताई जाती है।
  • यह भरतपुर ज़िले के कई हिस्सों और ग्रामीण क्षेत्रों को पेयजल उपलब्ध कराता है।

2) सांभर झील (Sambhar Lake)

सांभर झील का इतिहास समृद्ध है—पहले चौहान राजपूतों के अधीन, फिर मुग़लों और बाद में ब्रिटिश शासन तक। भारत की सबसे बड़ी खारे पानी की झील, यह पाँच नदियों से पोषित होती है और 5 किमी लंबे बलुआ पत्थर के बाँध से दो भागों में बँटी है।

  • जयपुर से ~80 किमी, अजमेर से ~65 किमी दूरी पर।
  • नमक उत्पादन और प्रवासी पक्षियों के लिए प्रसिद्ध—नेचर लवर्स और बर्डवॉचर्स की पसंदीदा जगह।
  • झील का दीर्घवृत्त (elliptical) आकार और पृष्ठभूमि में अरावली पर्वत दृश्य सौंदर्य बढ़ाते हैं।
  • झील कस्बे में सॉल्ट फैक्ट्रियाँ, म्यूज़ियम और लैबोरेटरी भी देखने लायक हैं।

(नोट: आपके दिए पाठ में क्षेत्रफल “5700 वर्ग मीटर” लिखा है—झील बहुत विशाल है; यहाँ वही पाठानुसार उल्लेख रखा गया है।)


3) कानोटा बाँध (Kanota Dam)

NH-11 पर जयपुर से लगभग 17–18 किमी दूर, अरावली की हरियाली से घिरा शांत स्थल।

  • मूलतः सिंचाई के लिए बना, पर अब प्रकृति प्रेमियों के लिए लोकप्रिय पिकनिक स्पॉट।
  • यहाँ बोटिंग, साइक्लिंग, फिशिंग जैसी गतिविधियाँ की जा सकती हैं।
  • पानी और झाड़ियों से घिरा मनभावन नज़ारा, पास में स्थित मंदिर इस जगह की सांस्कृतिक गरिमा बढ़ाता है।

4) भानगढ़ किला (Bhangarh Fort)

जयपुर से लगभग 80 किमी दूर स्थित, अपने रहस्यमयी/हॉन्टेड माहौल के लिए विश्वप्रसिद्ध। किला भगवंत दास ने अपने छोटे पुत्र माधो सिंह के लिए बनवाया था। दो प्रचलित किंवदंतियाँ—

  • साए में छिप गया समझौता: साधु बाला नाथ ने शर्त रखी कि किले की परछाईं कभी उनके आश्रम पर न पड़े। उत्तराधिकारी द्वारा किले का विस्तार होने से परछाईं आश्रम पर पड़ी और किले पर शाप लगा, जिसके बाद परित्याग हुआ।
  • मोह की कथा: तांत्रिक सिंघिया राजकुमारी रत्नावती से मोहित था। साधना विफल होने पर उसने महल को श्राप दिया, जिसके बाद किले में आत्माओं की कथाएँ प्रचलित हुईं।

5) किशनगढ़ (Kishangarh)

जयपुर से लगभग 100 किमी दूर छोटा-सा शहर, अपने चाँद-सरीखे परिदृश्य (Moonland) के लिए प्रसिद्ध—असल में यह मार्बल इंडस्ट्री से बने मानव-निर्मित अपशिष्ट परिदृश्य का परिणाम है।

  • भारत का सबसे बड़ा मार्बल उत्पादक/आपूर्तिकर्ता, एशिया का सबसे बड़ा मार्बल मार्केट
  • स्लरी को वर्षों तक एक जगह फेंके जाने से सफेद पठार बन गया, जो चाँद की सतह जैसा दिखता है।
  • यहाँ धूल-आँधियों की संभावना रहती है—सांस/एलर्जी की समस्या वालों के लिए उपयुक्त नहीं।
  • सोशल मीडिया पर लोकप्रिय, पर सस्टेनेबल टूरिज़्म और पर्यावरणीय प्रभाव पर प्रश्न उठाता है।
  • फिर भी, सांझ के समय आसमानी-सफेद टीलों के बीच लालिमा में डूबता सूरज अद्भुत दृश्य रचता है।

 

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