Sep 10, 2025
राजस्थान के भरतपुर और करौली जिलों के सुरम्य परिदृश्यों के बीच बहती हुई काकुंड नदी इस शुष्क भूभाग में जीवनदायिनी धारा के समान है। इसी प्राकृतिक सुंदरता के बीच खड़ा है बाँध बरेठा, जो मानव बुद्धिमत्ता और परिश्रम का अद्भुत उदाहरण है और इस क्षेत्र की जल प्रबंधन प्रणाली का प्रमुख स्तंभ है।
बाँध बरेठा का इतिहास 19वीं शताब्दी के उत्तरार्ध से जुड़ा हुआ है। इसका निर्माण कार्य 1866 में महाराज जसवंत सिंह के दूरदर्शी नेतृत्व में प्रारंभ हुआ और लगभग तीन दशकों की कड़ी मेहनत के बाद 1897 में महाराज राम सिंह के शासनकाल में इसका निर्माण पूर्ण हुआ। तब से यह बाँध काकुंड नदी के प्रवाह को नियंत्रित कर आसपास के गाँवों और शहरों की जरूरतों को पूरा करता आ रहा है।
काकुंड नदी पर फैला बाँध बरेठा मात्र एक निर्माण नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए जीवनरेखा है।
बरेठा की पहाड़ियों के बीच स्थित किशन सागर झील बाँध बरेठा की सबसे खूबसूरत विशेषताओं में से एक है।
बाँध बरेठा न केवल एक दर्शनीय स्थल है बल्कि भरतपुर शहर की जल सुरक्षा सुनिश्चित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
बाँध बरेठा केवल एक इंजीनियरिंग चमत्कार नहीं, बल्कि प्रकृति की चुनौतियों के सामने मानव धैर्य और अनुकूलन क्षमता का प्रतीक है। काकुंड नदी के प्रवाह को साधते हुए यह बाँध न केवल किसानों के खेतों में हरियाली लाता है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए जल सुरक्षा की गारंटी भी देता है। सर्दियों में प्रवासी पक्षियों की चहचहाहट और चारों ओर फैली हरियाली इसे एक प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहर का दर्जा देती है।