Sep 8, 2025
बाँध बरेठा वन्यजीव अभयारण्य अपने विशाल परिदृश्य और समृद्ध जैव विविधता के साथ प्रकृति प्रेमियों को अपनी ओर आकर्षित करता है। पहले इसका क्षेत्रफल 204.16 वर्ग किलोमीटर था, लेकिन हाल ही में इसे बढ़ाकर 368.5 वर्ग किलोमीटर कर दिया गया है, जिससे वन्यजीव प्रेमियों के लिए खोजबीन का और भी बड़ा अवसर उपलब्ध हो गया है। यह अभयारण्य भरतपुर के बयाना क्षेत्र और करौली जिले के बीच स्थित है तथा यहाँ विभिन्न प्रकार के पारिस्थितिकी तंत्र और आवास पाए जाते हैं।
अभयारण्य का भूभाग विभिन्न दिशाओं में गाँवों और जंगलों से घिरा हुआ है:
ये सीमाएँ न केवल अभयारण्य के विस्तार को परिभाषित करती हैं बल्कि इसे पड़ोसी क्षेत्रों से जोड़ने वाले महत्वपूर्ण वन्यजीव गलियारों (Wildlife Corridors) को भी दर्शाती हैं।
राजस्थान में बाघ संरक्षण की दीर्घकालिक योजना में बाँध बरेठा अभयारण्य की महत्वपूर्ण भूमिका है। यह रणथंभौर टाइगर रिज़र्व और करौली के जंगलों के बीच एक महत्त्वपूर्ण गलियारे के रूप में कार्य करता है, जो बाघों के आवागमन और प्रजनन में मदद करता है।
ये प्रयास मिलकर इस क्षेत्र के वन्यजीवों के भविष्य को सुरक्षित बनाने में योगदान देते हैं।
यह अभयारण्य विभिन्न प्रकार के वन्यजीवों का घर है:
यहाँ भारतीय पेंगोलिन जैसी संकटग्रस्त प्रजातियाँ और भालू (स्लॉथ बियर) जैसी संवेदनशील प्रजातियाँ भी पाई जाती हैं। हाल के वर्षों में एक तेंदुए को अपने दो शावकों के साथ देखा गया है, जो इस पारिस्थितिकी तंत्र की सक्रियता का प्रमाण है।
बाँध बरेठा पक्षी अवलोकन (Birdwatching) के लिए स्वर्ग है। यहाँ 200 से अधिक प्रजातियों के पक्षी पाए जाते हैं, जिनमें दुर्लभ ब्लैक बिटर्न भी शामिल है।
रुपरेल और गम्भीर नदियाँ इस अभयारण्य से होकर गुजरती हैं और प्रवासी पक्षियों को आकर्षित करती हैं। सर्दियों के मौसम में यहाँ का वातावरण विशेष रूप से रंगीन और जीवंत हो जाता है।
यहाँ न केवल जीव-जंतु बल्कि समृद्ध वनस्पतियाँ भी पाई जाती हैं।
ये पौधें न केवल पर्यावरण संतुलन बनाए रखते हैं बल्कि स्थानीय लोगों के लिए औषधीय उपयोग में भी काम आते हैं।
बाँध बरेठा वन्यजीव अभयारण्य राजस्थान की वन्यजीव धरोहर और पारिस्थितिकीय स्थिरता का जीवंत प्रमाण है। इसके विस्तृत परिदृश्य, वन्यजीवों की प्रचुरता और विविध वनस्पतियाँ इसे प्रकृति प्रेमियों के लिए एक अद्भुत गंतव्य बनाती हैं। जैसे-जैसे यहाँ संरक्षण प्रयास जारी हैं, बाँध बरेठा आने वाली पीढ़ियों के लिए राजस्थान के जंगलों और वन्यजीवों के संरक्षण की आशा की किरण बना रहेगा।