TIMANGARH KARAULI

Mar 21, 2025

तिमनगढ़ किला: करौली का भूला-बिसरा ऐतिहासिक धरोहर

राजस्थान की ऐतिहासिक विरासत में तिमनगढ़ किला एक अनमोल रत्न है, जो करौली जिले के मसालपुर के पास स्थित है। यह किला न केवल एक सामरिक केंद्र रहा है, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व का भी प्रतीक है। 51.5 हेक्टेयर में फैले इस विशाल किले में कभी शानदार महल, बाजार, मंदिर और आवासीय भवन हुआ करते थे।

आज यह किला खंडहर में तब्दील हो चुका है, क्योंकि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI), राज्य सरकार और केंद्र सरकार ने इसके संरक्षण के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं। इसकी करीब 50 प्राचीन मंदिरों को स्थानीय लोगों ने खोदकर क्षतिग्रस्त कर दिया, जिससे इसकी ऐतिहासिक धरोहर को अपूरणीय क्षति पहुँची है।


तिमनगढ़ किले का इतिहास

किले की स्थापना और प्रारंभिक काल

तिमनगढ़ किले का मूल नाम त्रिभुवनगिरि, तहानगढ़ और तंवगढ़ था। इसे 11वीं सदी में जाडौन वंश के राजा तहानपाल (तवानपाल) ने बनवाया था, जो 1093-1140 ईस्वी के दौरान करौली पर शासन कर रहे थे।

उनके पिता विजयपाल मथुरा से मणि पर्वत (बयाना के पास) आए थे, क्योंकि ग़ज़नवी आक्रमणों के कारण उन्हें बार-बार अपना स्थान बदलना पड़ रहा था। विजयपाल ने विजयगढ़ किले को पुनः स्थापित किया था, लेकिन ग़ज़नवियों से संघर्ष में उनकी मृत्यु हो गई। इसके बाद उनके उत्तराधिकारियों ने तिमनगढ़ से शासन करना शुरू किया।

12वीं सदी में तिमनगढ़ का धार्मिक महत्व

12वीं शताब्दी में तिमनगढ़ शैव पंथ (विशेष रूप से पशुपत संप्रदाय) का प्रमुख केंद्र बन गया। यहाँ जैन धर्म के मंदिरों का भी उल्लेख मिलता है, जो इसे शिक्षा और धार्मिक अध्ययन का समृद्ध स्थल बनाते थे।

ग़ोरी वंश और तिमनगढ़ पर आक्रमण

कुमारपाल (कुनवरपाल), जो तहानपाल के उत्तराधिकारी थे, को मुहम्मद ग़ोरी के आक्रमण का सामना करना पड़ा। हसन निज़ामी की पुस्तक “ताजुल-मआसिर” के अनुसार, मुहम्मद ग़ोरी ने इस किले को जीतकर इसे अपने सेनापति बहाउद्दीन तुघ़रिल को सौंप दिया।

इसके बाद, यह किला दिल्ली सल्तनत और फिर मुगल साम्राज्य का एक महत्वपूर्ण सैन्य केंद्र बन गया।

स्वतंत्रता के बाद तिमनगढ़ की लूट

1947 में भारत की स्वतंत्रता के बाद, अवैध उत्खनन और चोरी ने इस किले की ऐतिहासिक धरोहर को तहस-नहस कर दिया।

  • कई मूर्तियाँ पूर्व रियासतों और स्थानीय निवासियों द्वारा तस्करी कर ली गईं
  • 1985 में, तस्करों ने हेलीकॉप्टर के जरिए कई प्राचीन मूर्तियों को निकालकर विदेश भेज दिया
  • आज भी यह किला पुरातत्व विभाग की उपेक्षा का शिकार है

तिमनगढ़ किले की वास्तुकला

विशाल किलेबंदी और द्वार

यह किला मूल रूप से पाँच विशाल प्रवेश द्वारों वाला था, जिसमें मुगलों द्वारा और द्वार जोड़े गए। इन दरवाजों के निर्माण में विभिन्न रंगों और प्रकार के पत्थरों का उपयोग किया गया है।

प्राचीन नगर और मंदिर परिसर

किले के अंदर एक पूरा नगर था, जिसमें राजमहल, बाजार, मंदिर, और आवासीय भवन स्थित थे।

  • स्तंभों और छतों पर ज्यामितीय और धार्मिक आकृतियाँ बनी हुई हैं।
  • यहाँ हिंदू, जैन और तांत्रिक मूर्तिकला के अद्भुत उदाहरण देखने को मिलते हैं।
  • खुदाई में भगवान गणेश और भगवान विष्णु की मूर्तियाँ प्रमुखता से मिली हैं।

स्मारक और अभिलेख

  • संस्कृत में चार अभिलेख मिले हैं, जिनका उल्लेख अलेक्जेंडर कनिंघम और विनोद कुमार सिंह द्वारा किया गया है।
  • पुरातत्वविदों को फारसी में लिखे दो अभिलेख और एक मस्जिद भी मिली थी, जो अब गायब हो चुके हैं।

संरक्षण की चुनौतियाँ और उपेक्षा

संरक्षण में सरकारी लापरवाही

तिमनगढ़ किले के संरक्षण के लिए राज्य सरकार और केंद्र सरकार ने अब तक कोई ठोस प्रयास नहीं किया है।

  • ASI द्वारा कोई पुनरुद्धार योजना नहीं बनाई गई
  • स्थानीय प्रशासन तस्करी और अवैध उत्खनन को रोकने में असफल रहा

अवैध उत्खनन और तस्करी

  • 1985 में हेलीकॉप्टर के माध्यम से दुर्लभ मूर्तियों की तस्करी की गई
  • स्थानीय ग्रामीणों द्वारा मंदिरों की खुदाई कर मूर्तियों को बेचा जा रहा है
  • प्रशासन की अनदेखी के कारण यह महत्वपूर्ण धरोहर धीरे-धीरे नष्ट हो रही है

संरक्षण की संभावनाएँ

  • ASI और राज्य सरकार को तिमनगढ़ को संरक्षित स्मारक घोषित करना चाहिए
  • सुरक्षा बलों की तैनाती और अवैध खुदाई पर रोक लगनी चाहिए
  • पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए उचित सुविधाएँ विकसित की जानी चाहिए

तिमनगढ़ किला राजस्थान की अमूल्य ऐतिहासिक धरोहरों में से एक है, जो शैव, जैन और हिंदू परंपराओं का केंद्र रहा है। लेकिन अवैध खुदाई, प्रशासनिक लापरवाही और संरक्षण की कमी के कारण यह खंडहर में तब्दील हो गया है।

अगर इसे संरक्षित किया जाए, तो यह न केवल भारतीय इतिहास के लिए बल्कि पर्यटन के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। समय रहते सरकार और पुरातत्व विभाग को उचित कदम उठाने होंगे, अन्यथा यह अनमोल धरोहर हमेशा के लिए खो सकती है।

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