Oct 27, 2024

केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान: 2024 के पक्षी-दर्शन के लिए एक सुनहरा अवसर

2024 में राजस्थान के भरतपुर स्थित केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान (KNP) एक बार फिर पक्षी प्रेमियों के लिए स्वर्ग बनने जा रहा है। इस साल पूर्वी राजस्थान में हुई भारी बारिश ने उद्यान के जलस्तर को पुनः बहाल कर दिया है, जिससे यहाँ की जैव विविधता और प्रवासी पक्षियों की संख्या में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। पंचना बांध से पानी छोड़ने के बाद, उद्यान के करीब 8-10 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में 3-4 फीट पानी भर जाएगा, जो पक्षियों और उनके आवास के लिए बेहद अनुकूल साबित होगा।

जल की महत्ता और पारिस्थितिकी तंत्र पर प्रभाव

केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान की जैव विविधता का मुख्य आधार इसके जलाशय हैं। यहाँ मानसून के दौरान 550 मिलियन घन फीट पानी की आवश्यकता होती है, जो इस साल भरपूर बारिश से पूरा हो गया है। यह पानी पक्षियों के प्रजनन के लिए आदर्श परिस्थितियाँ प्रदान करता है, खासकर अक्टूबर से मार्च तक, जब प्रवासी पक्षी साइबेरिया और अन्य ठंडे क्षेत्रों से यहाँ आते हैं। पानी से मछलियों की संख्या में वृद्धि होगी, जो Painted Stork और Spoonbill जैसे पक्षियों के लिए भोजन का मुख्य स्रोत है।

2024 में पक्षी-दर्शन का सबसे अच्छा समय

अक्टूबर से मार्च के बीच का समय केवलादेव में पक्षी-दर्शन के लिए सबसे उपयुक्त होता है। इस दौरान न केवल प्रवासी पक्षी आते हैं, बल्कि स्थानीय पक्षियों का प्रजनन भी होता है। इसके अलावा, इस समय का ठंडा और सुखद मौसम पर्यटकों के लिए भी आदर्श होता है। 2024 के मौसम में पक्षियों की संख्या और प्रजातियों में वृद्धि की संभावना है, जो इसे विशेष बनाएगा।

मुख्य पक्षी प्रजातियाँ

केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में 370 से अधिक पक्षी प्रजातियाँ पाई जाती हैं। 2024 में, जलस्तर बहाल होने से पक्षी प्रेमी निम्नलिखित प्रजातियों को देख सकते हैं:

  • स्थानीय पक्षी: Painted Stork, Indian Sarus Crane, और Indian Peafowl।
  • प्रवासी पक्षी: Siberian Crane, Bar-headed Geese, Northern Pintail, और Common Teal।

वर्षा और भविष्य का दृष्टिकोण

हालाँकि इस साल की बारिश ने उद्यान को पुनर्जीवित किया है, लेकिन इसका दीर्घकालिक समाधान पंचना बांध से आने वाले पानी पर निर्भर करता है। इसके अलावा, ताजे पानी के आने से पक्षियों के घोंसले बनाने और मछलियों की प्रजातियों की संख्या बढ़ने की संभावना है, जिससे उद्यान का पारिस्थितिकी तंत्र फिर से सशक्त होगा।

2024 का केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान पक्षी प्रेमियों के लिए एक अनोखा अवसर प्रदान कर रहा है, जहाँ वे राजस्थान की प्राकृतिक सुंदरता और जैव विविधता का आनंद उठा सकते हैं।

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